जयपुर, राजस्थान
जयपुर के एक केफे मे रोड़ वाली खिड़की की तरफ मुँह किये वो शांति से बैठी थी हाथ मे एक किताब और खुले बाल जो स्थिर थे हवा के आभाव मे, उसने पतली फ्रेम का चश्मा पहन रखा था सफ़ेद कुर्ती और ब्लू जींस एक हाथ मे घड़ी जिसमे सुईया रुकी थी पर समय समय कंहा रुकता है जैसे जैसे बड़ी हो रही थी परिवार वाले सर पर नाच रहे थे शादी के लिए "आरु " आरुषि राठौड़ उन लड़कियों मे से थी जो अकेली गुमसुम सी इंट्रोवर्ड जिन्हे नहीं फर्क पड़ता उनके साथ कोण बैठ रहा है.. कोई ना भी बैठे तो भी.. कितनी बार कह चुकी थी सबको की नहीं करनी शादी, पर इस दुनिया मे कोन किसी को अकेला छोड़ना चाहता है यंही कुछ 10 / 15 मीटिंगस के बाद आज फिर किसी चमनप्यारे को आरु का शिकार होने के लिए बुलवाया गया है, आज वक़्त ज्यादा हो गया इंतजार.. और वो भी आरु से.. नहीं होगा उसने अपनी बुक को अपने बैग मे डाला और उठी ही की अचानक केफे का दरवाज़ा खुला एक लम्बा हस्त काठ सा लड़का, उसने आर्मी की यूनिफार्म पहनी थी अपने चोड़े कंधो पर बैग और उन छोटी आँखो से किसी की तलाश मे, उस जवान ने अपनी नज़र पुरे केफे मे गुमा दी और तभी अपनी दायी तरफ उसे एकतक गुरते आरु पर उसकी नज़र पड़ी वो हाफ रहा था और आरु के पास गया " आईएम सॉरी.. मुझे लेट हो गया " आरु ने कुछ नहीं कंहा और अपनी गर्दन से हा का इशारा कर वो बैठ गयी.. उसी की सामने वाली सीट पर वो बैठ गया " कुछ ऑडर किया आपने " एक शीतल आवाज़ मे उस जवान ने पूछा
दोनों ने अपना ऑडर दिया और दोनों शांत से बैठे थे, एक दूसरे की तरफ देखते और फिर हस्ते.. 1000 years later????
" ये घड़ी... रुकी हुई है.. उसने आरु की कलाई पर बंदी उस घड़ी पर नज़र पड़ते पूछा.. आरु ने घड़ी पर अपना हाथ रखते कंहा " ओ हा... ये मेरे पापा ने मुझे गिफ्ट की थी.. उनकी आखिरी निशानी.. कहते आरु रुक गयी
" आईएम सॉरी.. माँ ने मुझे इस बारे मे कुछ नहीं बताया " उस जवान ने अपने हाथों को मलते कंहा
" नो.. नो इट्स ोकक " आरु ने अपने हाथों टेबल के निचे जकड़े कंहा
तो आप पहले यंहा आ चुकी है..
हा.. यंहा अक्सर आना रहता हैँ... यंहा का व्यू काफ़ी अच्छा है और ज्यादा लोग भी नहीं आते तो अच्छा लगता है यंहा आना " आरु ने बिना जीजक के जवाब दिया...
हा यंहा एक लाइब्रेरी भी है.. उसने कंहा तो ठीक पीछे आरु ने कंहा " आपको पता है.. मतलब बुक्स पसंद है "
उसने एक स्माइल के साथ कंहा " हा.. किताबें पसंद है मैंने आते वक्त रास्ते मे देखि थी लाइब्रेरी "
और दोनों फिर हसने लगे.. थोड़ी देर तक बातें हुई.. दोनों एक दूसरे के साथ cmfrt
The magic you looking for.. It's in the work you are avoiding ✨️
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 1355 |
2 | Manish_5 | 403 |
3 | Kimi writes | 378 |
4 | Sarvodya Singh | 116 |
5 | AkankshaC | 93 |
6 | Udeeta Borpujari | 86 |
7 | Rahul_100 | 68 |
8 | Anshika | 53 |
9 | Srividya Ivauri | 52 |
10 | WriteRightSan | 52 |
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 1131 |
2 | Udeeta Borpujari | 551 |
3 | Rahul_100 | 242 |
4 | AkankshaC | 195 |
5 | Infinite Optimism | 179 |
6 | Anshika | 152 |
7 | Kimi writes | 150 |
8 | shruthi.drose | 142 |
9 | aditya sarvepalli | 139 |
10 | Manish_5 | 103 |
Feedback