OR
जय श्री राम
राम न तो कोई राजनीति है
न ही कोई आडंबर धर्म
राम तो हैं एक जीवन शैली
समझाते सामाजिक व्यवहारों के मर्म।
परिस्थितियों के अनुरूप
खुद वो ढलते रहे
सूर्य थे वो मनुज रूप में
पर सदा दीप भांति जलते रहे ।
आचरण में सदा सरलता, मर्यादित थे व्यवहारों में
चेहरे पर मुस्कान सुशोभित,
निष्ठा थी संस्कारों में।
नमन है ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम को,
पीढ़ी के विश्ववसों का
युग राम राज का आ रहा
अब जले दीप विश्वासों का।
जय जय श्री राम
जय जय श्री राम
डॉ. कृतिका चौहान
श्री राम के 500 वर्ष उपरांत अयोध्या पुनः आगमन पर एक लघु कविता श्री राम के नाम।
Life is not a problem to be solved, but a reality to be experienced! ⭐
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Kimi writes | 378 |
2 | Srivats_1811 | 287 |
3 | Manish_5 | 105 |
4 | AkankshaC | 93 |
5 | Udeeta Borpujari | 86 |
6 | Rahul_100 | 68 |
7 | Rahul Gupte | 66 |
8 | Anshika | 53 |
9 | Srividya Ivauri | 52 |
10 | WriteRightSan | 52 |
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 311 |
2 | Rahul_100 | 244 |
3 | Udeeta Borpujari | 209 |
4 | AkankshaC | 195 |
5 | Infinite Optimism | 179 |
6 | Rahul Gupte | 171 |
7 | Anshika | 152 |
8 | Kimi writes | 150 |
9 | shruthi.drose | 142 |
10 | aditya sarvepalli | 139 |
Feedback