More than friends ( part - 3)

More than friends ( part - 3)
प्रेक्षा और अविरल को घर आये आज दो दिन हो गए थे.... प्रेक्षा घर से कम बाहर निकलती थी.... पर अविरल छुट्टियों के पुरे मज़े ले रहा था... चाहे वो किसी की वाड़ी से फल चुराना हो या गांव के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना हो... प्रेक्षा पूरा दिन घर मे रहती थी...|एक दिन वो दादी के कमरे मे किसी काम से गयी.... दादी के कमरे की एक दीवार मे कई सारी किताबें और तस्वीरें थी...दादू.. पापा...माँ और प्रेक्षा की भी.... उस दिवार को देख ऐसा लगता था जैसे दादी ने अपना पूरा जीवन सहेज रखा हो.... प्रेक्षा एक एक तस्वीर को देखने लगी...|........

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