आज सब एक नए सफऱ पर जाने वाले थे गांव के बाहर एक मिनी वेन थी... वेन के बाहर काफ़ी भीड़ थी.. सब अपना अपना सामान वेन के ऊपर चढ़ा रहे थे... अविरल और प्रेक्षा भी थोड़ी देर पहले ही घर से निकले थे और ठीक उनके पीछे राघव.. जो तीन चार बैग को साथ लिए था...
"भाई प्लीज हेल्प कर दे " राघव ने लड़खड़ाते हुए मदद मांगी
"मेने कहां था इसी शर्त पर मै तुम्हे साथ लेकर जाउगा... अगर इतना सा नहीं हो रहा तो छोड़ दे... और घर चले जाओ "अविरल ने चलते चलते पीछे मुड़ते हुए कहां
आगे गरिमा खड़ी थी.. राघव ने कूदते हुए बेग को उठाया और फटाफट चलने लगा और चलते चलते उन दोनों से भी आगे निकल गया |
सब लोग अंदर बैठ गए... और गाड़ी रवाना हो गयी...थोड़ी देर बाद सबके फ़ोन के नेटवर्क जाने लगे क्योंकी अब घने जंगल और पहाड़ी इलाके आने लगे...अवि, प्रेक्षा, गरिमा और राघव एक ही लाइन मै बैठे थे..|
सफर लम्बा था... थोड़ी देर बाद सब एक दूसरे पर अपनी गर्दन जुकाये सोये थे... गरिमा ने प्रेक्षा के ऊपर... और प्रेक्षा जो बार बार नींद मे जोके लेती आगे की तरफ जुक जाती... अवि ने प्रेक्षा को इशारा दिया उसके कंदे पर झुकने का और प्रेक्षा ने वैसा ही किया.... राघव उन्हे देख रहा था... और उसने एक स्माइल दी और चुपके से उनकी फोटो खींचने लगा...|
थोड़ी देर बाद वो सब एक हिल स्टेशन पर पहुँचे जहा आगे चल कर जाना था....
थोड़ी देर बाद सब थकने लगे... और एक पेड़ की छाऊ के निचे बेट्टे थे... सबने थोड़ा रेस्ट लिया और फिर चलने लगे... प्रेक्षा वही बैठी थी उससे अब और नहीं चला जा रहा था...
अवि ने सबको चलते रहने का इशारा दिया और कहां "तुम चलो हम लोग आते है..".
थोड़ी देर बाद ज़ब प्रेक्षा की तबियत अब भी ठीक नहीं थी तो अविरल उसके पास बैठ गया.."मुझे नहीं लगता तुम आगे चल पाओगी "
प्रेक्षा ने ऊपर देखा और फिर अवि की तरफ... थोड़ी देर बाद दोनों बाकियो के साथ थे.. अवि और उसके कंदे पर प्रेक्षा....
प्रेक्षा को बुरा लग रहा था अवि के लिए पर अवि की स्माइल छुपाये नहीं छुप रही थी..... ये छोटी छोटी बाते उसे हर वक्त प्रेक्षा के करीब लाती...
थोड़ी देर बाद सब उपर पहुँचे और सबने थकान भारी चेन की सांस ली..
इस पहाड़ से आसपास का सारा इलाका साफ दिखाई देता... छोटे छोटे गांव और कस्बे और खेत खलियान...
सब वहाखड़े उस ताजी ठंडी हवा मे आराम को महसूस कर रहे थे की गरिमा आयी और कहां "बोहोत खाली हवा अब टेंट बाँधने है ... सब ने आह भर ली और काम पर लग गए...
सब लोग टेंट बंाद रहे थे अवि ने अपने टेंट के काम को राघव को दिया और खुद जाकर प्रेक्षा की मदद करने लगा..... और दोनों मस्ती मज़ाक मै एक दूसरे के साथ मस्ती कर रहे थे...गरिमा और राघव उन्हें दूर से देख रहे थे..... सबने काम ख़तम किया.... सब तैयारिया हो चुकी थी... कुछ लकड़ियों मै जलती आग और उसके आसपास सबके टेंट... और गरमागरम खाना... तभी गरिमा ने कहां " वैसे आज एक सप्राइज और है "
"और वो क्या " प्रेक्षा ने जिज्ञासा से पूछा
"आज 12 अप्रेल है और आज यहाँ से हमें शूटिंग स्तर साफ दिखाई देंगे.."
गरिमा ने उछाते हुए कहां
"क्या सचमे तुम्हे पता है ना की वो मुझे कितने पसंद है..." प्रेक्षा भी गरिमा के साथ कूदने लगी..
अवि बैठे बैठ हसने लगा क्युकी प्रेक्षा खुश थी...|
थोड़ी देर बाद शूटिंग स्टार्स चालू होने वाले थे गरिमा कबसे अवि को इशारे दिए जा रही थी..और अवि हर बार ना मे गर्दन हिला देता था..तभी गरिमा उठकर टेंट मे चली गयी और अवि को इशारा दिया
"आज अच्छा मौका है.. प्रेक्षा को प्रोसेस करने का.. अगर आज नहीं किया तो कभी नहीं कर पाओगे.." गरिमा ने उसके जेब से रिंग निकलते हुए कहां
अविरल ने कंहा "सच बताऊ तो आईएम फीलिंग सो नर्वस यार.. अगर कोई गलती हो गयी तो "
"अच्छा शो शुरू होने मे टाइम है.. तुम प्रेक्टिस कर लो"
अविरल ने ठीक वैसे ही किया वो घुटनो के बल बैठा और उसने कहना ही शुरू किया आई लव यू प....
के अचानक प्रेक्षा वहां आगयी.. वो एक बार तो चौक गयी और फिर कहां "सॉरी.. मेमे डिस्टर्ब कियातुम दोनों को... वाओ " और वो बाहर चली गयी..|
और गरिमा और अवि एक दूसरे की तरफ देखने लगे..|
The magic you looking for.. It's in the work you are avoiding ✨️
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 1355 |
2 | Manish_5 | 403 |
3 | Kimi writes | 378 |
4 | Sarvodya Singh | 116 |
5 | AkankshaC | 93 |
6 | Udeeta Borpujari | 86 |
7 | Rahul_100 | 68 |
8 | Anshika | 53 |
9 | Srividya Ivauri | 52 |
10 | WriteRightSan | 52 |
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 1131 |
2 | Udeeta Borpujari | 551 |
3 | Rahul_100 | 242 |
4 | AkankshaC | 195 |
5 | Infinite Optimism | 179 |
6 | Anshika | 152 |
7 | Kimi writes | 150 |
8 | shruthi.drose | 142 |
9 | aditya sarvepalli | 139 |
10 | Manish_5 | 103 |
Feedback