ज़ब प्रेक्षा ने अवि और गरिमा को साथ देखा तो उसे लगा की अवि गरिमा को प्रोपोज़ कर रहा था... इस गलत फेमि के चलते वो बाहर चली गयी और गरिमा और अवि एक दूसरे की और देखते रह गए...|
दोनों को जब महसूस हुआ की शायद प्रेक्षा को गलत फेमि हुई है.. गरिमा ने अवि को धक्का दिया और प्रेक्षा के पीछे चली गयी और अवि वही बैठा रह गया... सदमे के मारे....|
प्रेक्षा वापिस आकर सबके साथ बैठ गयी.. उसने कोई प्रतिकिया नहीं दिखाई... गरिमा आयी और प्रेक्षा से कंहा "मुझे कुछ बात करनी है तुमसे "और वो उसे अपने साथ ले गयी..
"प्रेक्षा तू जैसा सोच रही है वैसा कुछ भी नहीं है " गरिमा ने प्रेक्षा का हाथ पकडे हुए कहां
"इट्स ओके यार .. मे वैसे भी किसी को कुछ नहीं बताऊगी " प्रेक्षा ने गरिमा के कदो पर हाथ रखते हुए कहां
थोड़ी देर मे अवि भी वही दूर खड़ा होकर उन्हें देख रह था
प्रेक्षा.. गरिमा की बात मानने को तैयार नहीं थी... गरिमा ने पहले अवि की तरफ देखा और फिर प्रेक्षा की और देखते कहां "बात वो नहीं है.. मेरे और अवि के बिच कुछ नहीं है.. अवि तो तुम्हे चाहता है"
प्रेक्षा एक बार के लिए हक्की बक्की रह गयी और दूसरे ही पल उसने अवि की तरफ देख..
"तुम पागल हो गयी जो क्या... नहीं... ऐसा कुछ नहीं है"
"गरिमा चुप रही... अविरल को कुछ गड़बड़ लगी तो उसने वहा जाना ठीक समझा ...
अवि के आते ही गरिमा वहां से चली गयी और जाते जाते उसने अवि के कंदे पर हाथ रखा..
"क्या कँहा गरिमा ने तुमसे.... सचमे हम दोनों ले बिच ऐसा कुछ नहीं है " अविरल ने कहां
"क्या गरिमा ने कहां वो... सच है.."
"क्या..."
"तुम मुझे पसंद करते हो"
अवि को अचानक अजीब सा लगा पर अगले ही पल उसने अपने जैकेट से रिंग का बॉक्स निकलना चाहा.. की उससे पहले
"वी आर फ्रैंड्स.. राइट... हम दोनों दोस्त से ज्यादा कुछ नहीं है.."
प्रेक्षा ने अविरल को कँहा
अविरल सुन होकर सुन रहा था पर साथ ही मे हक्का बक्का भी था
अविरल की चुप्पी प्रेक्षा को रस नहीं आयी उसने फिर अवि से पूछा..
"गरिमा जो कह रही है.. वो सच नहीं है... हेना.. उसे गलत फेमि हुई है.."
अविरल अब भी चुप था
प्रेक्षा को वहां से जाना ठीक लगा वो जाने लगी की.. अवि ने कहां "नहीं... गरिमा जो कह रही है वो बिलजुल सच है.."
प्रेक्षा पीछे की तरफ मुड़ी... और चुप रही
अवि ने कंहा "आई लाइक यू प्रेक्षा... बोहोत पहले से... मुझे तो ये तक नहीं पता की कबसे... कब मे तुम्हे इतना चाहने लगा..."
"बट अवि वी आर फ्रेंडस.."
"नहीं प्रेक्षा तुम हमेशा मेरे लिए एक दोस्त से बढकर रही हो... वी आर मोर देन फ्रेंडस..."
प्रेक्षा ने कोई जवाब नहीं दिया उसकी चुप्पी सब बता रही थी.. अवि को ये बात ना चाहते हुए भी बुरी लगी... और वो जाने लगा की प्रेक्षा ने अवि का हाथ पकड़ लिया "अवि ये नहीं हो सकता.. तुम.."
अवि मे बात को काटते हुए कहां "इयस ओके ... प्रेक्षा.. वी कैंट फाॅर्स समवन तू लाइक अस.. बट मुझे ये कहना था की मे तुम्हे अब दोस्त नहीं मान पाउगा... तुम्हारे लिए जो फीलिंग है वो बदल नहीं सकती..". अवि ने इतना कहा और वहां से चला गया
प्रेक्षा की आँखे नम.. थी... और उदास भी...|
आज उस बात को कही दिन हो गए... ट्रिप से आने के बाद उन दोनों की बाते काम हो गयी... थोड़े दिनों मे दादी भी घर आगयी... कोई काम होता तो दोनों एकदूसरे को नज़रअंदाज़ कर देते.... प्रेक्षा और अवि दोनों को ही एक दूसरे की कमी खलती.. पर दोनों को कंही ना कही यही ठीक लगा रहा था...
एक दिन पास वाले टावन मे कोई प्रोग्राम था.. गांव से सारे लोग जा रहे थे.. अवि के मम्मी पापा और राघव जा चुके थे और अवि भी अपनी स्कूटी को घर के बाहर लगाए जाने ही वाला था की प्रेक्षा की दादी ने उसे पुकारा.."अवि.. बेटा रुकना.. हमें भी आना है..."
प्रेक्षा बाहर आयी तो अवि बाहर ही खड़ा था... उसे अटपटा लगा पर दादी की ज़िद ने उसे अवि के पीछे स्कूटी पर बिता दिया... रास्ते मे अवि आगे और ठीक उसके पीछे प्रेक्षा और पीछे दादी जो एक साइड मुँह कर बैठी थी...कही पर गड्डा आता और प्रेक्षा पीछे अवि के कंधो को छुट्टी... दोनों की दिलो की धड़कने तेज हो जाती...
"क्या यर... मुझे कभी ऐसा फीलिंग नहीं हुआ... ये क्या हुआ मेरे साथ... दादी भी ना... किसी और के साथ चला जाता है...|
थोड़ी देर बाद वो लोग प्रोग्राम मे पहुँचे... वहां भारी भीड़ थी.. थोड़ी देर बाद प्रोग्राम के बिच अफरा तफरी मच गयी... सब लोग इधर उधर होने लगे... हालत बिगड़ने लगे और धक्का मुक्की होने लगी...
प्रेक्षा को एंग्जायटी थी शोर शराबे से... वो अपनी जगह पर कानो पर हाथ रख बैठ गयी... दादी अवि की मा के साथ थी... अवि ने जैसे ही शोर शराबे को सुना वो बिना सोचे प्रेक्षा की तरफ भगा... उसे प्रेक्षा दिखी... पर वो वंहा ठाक पहुँच नहीं पर रहा था...
प्रेक्षा जोर जोर से रोने और चिल्लाने लगी... अवि भीड़ से बचकर आया.और उसने प्रेक्षा को गले लगा दिया...अवि प्रेक्षा को लेकर बाहर आया जँहा दादी और बाकि सब थे... दादी ने प्रेक्षा को गले लगा लिया... अवि के पापा ने कहां तुम प्रेक्षा को लेकर चलो हम सब आते है...
थोड़ी देर बाद सब निकल गए... उस पहाड़ी रास्ते मे चढ़ते ढलान पर अवि अपनी स्कूटी चला रहा था और तीक उसके पीछे.. प्रेक्षा जिसने अवि का जेचेट पहना था... और उसने अपने हाथो से अवि को कस कर पकड़ रख था...
अवि ने रास्ते मे बाइक रोक दी.. और उस रास्ते मे एक छोटा सा स्टेशन.. था जहा बड़ा सा पेड़ था वो वही बैठे थे... एक चाँद जो आसमान मे गोलाई किये चमक रहा था...
अवि को पता था... यही चीज प्रेक्षा को शांत कर देती है....|
थोड़ी देर तक बिना कुछ बोले वो दोनों वहां बैठे रहे... अवि को घर से फ़ोन आया तो उसने प्रेक्षा से कँहा "हमें चलना चाहिए..|
अवि खड़ा हुआ और स्कूटी की तरफ बढ़ने लगा ही था की अचानक उससे धक्का से लगा और उसकी कमर मे दो हाथ दिखे... प्रेक्षा ने उसे पीछे से कस कर गले लगाए हुए था... अवि एक बार के लिए चौक गया उसने महसूस किया की प्रेक्षा रोने लगी है...
वो पलटा और कहां "क्या हुआ प्रेक्षा... तुम ठीक होना...|.
प्रेक्षा ने अवि की तरफ देखा और अब उसे सामने से गले लगा दिया... उसने प्रेक्षा के बालो मे अपना हाथ फिराया...
रोती प्रेक्षा अभी भी बरकार थी... "इट्स ओके सब ठीक ही अब..."
"तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया... की तुम मुझे पसंद करते हो.." प्रेक्षा ने रोटूनी आवाज़ मे पूछा
"कोशिशे की थी पर...हिम्मत नहीं जूता पाया..."
प्रेक्षा.. अवि की बाहो से हटी...अवि ने अपनी बात जारी रखी...
"हमेशा डर लगा रहता था... कंही कुछ गलत ना हो और.. तुम्हे खो....."
कहते अवि रुक गया और उसने पाया... प्रेक्षा ने अवि के होंठ को चुम लिया... वो अचानक चौका की प्रेक्षा ने स्कूटी की तरफ बढ़ते हुए कहां.. "हम लेट हो रहे है हमें चलना चाहिए..."
"ये क्या था.... इसका मतलब..."और एक प्यार भरी मुस्कान के साथ उसने प्रेक्षा की तरफ देखा.....
और स्कूटी पर बैठ दोनों घर पोहचे......|
The end
(मुझे पता है मे पार्ट छोटे लिखती हु..मे कोई अनुभवी लेखिका नहीं हु... बस इस नये सफऱ मे खुद को मज़बूत बनाने की कोशिश मे हु... सफर जो मेने खुद चुना है... तो प्लीज अपना सहयोग बनाये रखियेगा.. ????)
The magic you looking for.. It's in the work you are avoiding ✨️
Rank | Name | Points |
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1 | Srivats_1811 | 1355 |
2 | Manish_5 | 403 |
3 | Kimi writes | 378 |
4 | Sarvodya Singh | 116 |
5 | AkankshaC | 93 |
6 | Udeeta Borpujari | 86 |
7 | Rahul_100 | 68 |
8 | Anshika | 53 |
9 | Srividya Ivauri | 52 |
10 | WriteRightSan | 52 |
Rank | Name | Points |
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1 | Srivats_1811 | 1131 |
2 | Udeeta Borpujari | 551 |
3 | Rahul_100 | 242 |
4 | AkankshaC | 195 |
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6 | Anshika | 152 |
7 | Kimi writes | 150 |
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10 | Manish_5 | 103 |
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