हम सभी जिंदगी जिने और sattle होने के चक्कर में प्यार करना भुल ही जाते हैं, पर फिर भी कभी ना कभी प्यार हमें ढुंढ हि लेता है और जैसे हम शिशे में खुदको देखते हैं उसी तरह प्यार हमारे सामने होता है...
अनु photo देख कर जोर से बोल पड़ती है,
अनु: मां कि आंख......(चौंकते हुए)
फिर अचानक अपने मुंह को अपने हाथों से बंद करती है। अनु कि मां को लगता है अनु उन्हें बुला रही है, तो वो कहती हैं,
मां: क्या हुआ बेटा?
अनु: कुछ नहीं मां।
मां: क्या तुम्हें कुछ चाहिए।
अनु: नहीं मां मैं आपको नहीं बोल रही थी।
मां: तो इतनी जोर से चिल्लाई क्यूं?
अनु: मां कुछ नहीं चाहिए। आप अपना काम किजीए।
मां: पता नहीं इस लड़की को क्या हो गया है? सुबह से अजीब हरकतें कर रही है। कहीं पागल तो नहीं हो गई?(अकेले में बड़बड़ाते हुए)
अनु हैरानी से बस photo को घुरे जा रही थी, क्यूंकि उस photo में वो आदमी जिसके साथ था वो लड़की बिल्कुल अनु जैसी दिख रही थी।
अनु हैरानी से photo को घुरते हुए बड़बड़ाती जा रही थी,
अनु: यार ये क्या हैं? ये तो बिल्कुल मेरे जैसी दिखती है, पर मुझसे ज्यादा सुन्दर लग रही है.... और कितनी खुश भी लग रही है।
तभी अनु को सुमन का call आता है, अनु call recieve करती है,
सुमन: hlo अनु कैसी हो अब?
अनु: ठीक हूं।(photo को हैरानी से देखते हुए धिमी आवाज में जवाब देती है)
सुमन: आराम से सोई ना?
अनु: हां..
सुमन: ऐसे क्यूं जवाब दे रही हो? और तुम्हारी आवाज़ को क्या हुआ?
अनु: अरे कुछ नहीं। मैं ठिक हूं। अच्छा सुमन तुम अभी मेरे घर आ सकती हो? मै तुम्हे कुछ दिखाना चाहती हूं। मुझे लगता है तुम्हें ये देखना चाहिए।
सुमन: तुम ऐसे क्यूं बोल रही हो? मुझे डराओ मत। क्या कुछ ज्यादा important चिज़ है क्या?
अनु: बोहोत ज्यादा important है। अगर busy नहीं हो तो जल्दी आ जाओ। मैं wait करती हूं।
सुमन: ठिक है। अभी आ रही हूं।
इतना कहकर सुमन call cut कर देती है ओर बड़बड़ाती है,
सुमन: ऐसा क्या important होगा?
फिर सुमन जल्दी अनु के घर पहुंचती है और अनु के रूम में जाती है। अनु बैड पर उल्टी पडी तेजी से पैर बैड पर मारे जा रही थी। वो बोहोत चिंता में लग रही थी और बेचैन भी। सुमन उसे ऐसे देख कर पुछती है,
सुमन: अरे अब क्या हो गया? इतनी परेशान क्यूं हो? ओर क्या दिखाना चाहती थी?
अनु अपने study टेबल कि तरफ तरफ इशारा करती है। सुमन टेबल कि तरफ देखती है और आगे बढ़ती है। टेबल के पास पहूंच कर देखती है कि टेबल पर एक photo पड़ी है।
सुमन: ये क्या? तुमने मुझे यहां ये photo दिखाने बुलाया है बस।
अनु: अरे पहले उसे उठाके देख तो सही।
सुमन photo उठाती हैं और जैसे ही photo पलट कर देखती है, वो भी चौंक जाती है और अनु से हैरानी से पुछती है,
सुमन: हा....... अनु ये photo कब खिंचाई तुमने? और तुमने बताया भी नहीं कि पहले से उसे जानती हो हां। मतलब अब तक तुम मुझसे झुठ बोल रही थी।
अनु: पहले photo को ध्यान से तो देख, वो मैं नहीं हूं।
सुमन: hmm.. हां यार इसके बाल तुमसे अलग है। पर हो सकता है ये तुम्हारी college photo हो।
अनु: ऐसा नहीं हो सकता।
सुमन: अच्छा क्यूं नहीं हो सकता?
अनु: क्यूंकि तुम और मैं एक साथ एक ही college में थे। यादाश्त कमजोर हो गई है क्या..?(गुस्से में जोर से बोलती है)
सुमन: अरे हां..। ये तो सच है। फिर ये कौन है? हुबहू तुम्हारी तरह दिखती है।
अनु: यही तो मैं भी सोच सोच कर परेशान हो रही हूं।
सुमन: तुम्हें ये photo मिली कहा से?
अनु: मैं उस आदमी का सामान check कर रही थी और जैसे ही मैंने उसकी डायरी उठाई उसमें से ये photo निचे गिरी।
सुमन: क्या डायरी? कहा है?
अनु: वो सामने box में पड़ी है।
सुमन box में से डायरी निकालती है ओर अनु को पकड़ाते हुए कहती हैं,
सुमन: अगर ये डायरी उस आदमी कि है तो मुझे लगता है कि हमारे सभी सवालों के जवाब इस डायरी में ही है। क्यूंकि ये सब तुमसे जुड़ा हुआ है इसलिए तुम ही इस डायरी को पढ़ना शुरू करो..
अनु डायरी को घुरती है और बेचैनी से घबराते हुए डायरी खोलती है।
डायरी के first पेज पर लिखा था,
My Love Subbu...
"मैं ये डायरी इस लिए लिख रही हूं ताकि मैं तुम्हारे साथ बिताए हर पल कैद कर सकूं। शायद अगर कभी जिंदगी मे मैं तुम्हारे साथ ना रहूं तो ये डायरी तुम्हे ये एहसास दिलाऐगी कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ ही हूं। फिर चाहे मैं रहूं या ना रहूं..."
अनु बड़बड़ाती है,
अनु: मतलब ये डायरी उस आदमी कि नहीं बल्कि इस photo में जो लड़की है उसकि है।
सुमन: हां..., तुम जानती हो मुझे तो ऐसा लग रहा है कि जरूर ये लड़की मर चुकी होगी और फिर उस आदमी ने तुम्हें किसी social media पर देखा होगा ओर तुम्हें ढुंढते हुए तुम तक पहोंच गया। बिल्कुल फिल्मों कि तरह। हाए..... कितना romantic है..
अनु: हां तुम्हारे सपनों में। तुम तो रहने ही दो, हमेशा फालतू बातें ही बोलती रहती हो।
सुमन: तुम ना बिल्कुल भी romantic नहीं हो। चलो आगे पढ़ो।(सडू सि शक्ल के साथ कहती है)
अनु: मुझे लगता है कि हमें ये डायरी उसकी इजाजत के बिना नही पढ़नी चाहिए।
सुमन: ये क्या बोल रही हो? इतने सालों के बाद तुम्हें अपने सपनों के हर सवाल का जवाब जानने का मौका मिला है और तुम कह रही हो कि तुम ये नहीं करना चाहती।
अनु: हां मैं जानती हूं पर इस डायरी को छुते ही मुझे बोहोत अजीब सा feel हो रहा है।
सुमन: अजीब.... किस लिए।
अनु: अब तुम्हें कैसे समझाऊं... मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं जानती हूं इस डायरी को। इसमें लिखी सभी बातों को और इसे छुते ही मुझे एक अलग सा दुःख महसूस हो रहा है..
सुमन: अच्छा ऐसा क्या.....। अब बहाने बनाना बंद करो ओर आगे पढ़ो। तुम नहीं पढ़ोगी तो लाओ मुझे दो मैं पढ़ती हूं।
सुमन अनु से डायरी छिनने लगती है, लेकिन अनु उसे डायरी नहीं लेने देती,
अनु: तुम तो रहने दो, मैं ही पढ़ती हूं...
अनु एक लंबी सांस लेती है और डायरी का पेज पलटती है....
To be continued.....
Rank | Name | Points |
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1 | Srivats_1811 | 1355 |
2 | Manish_5 | 403 |
3 | Kimi writes | 378 |
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5 | AkankshaC | 93 |
6 | Udeeta Borpujari | 86 |
7 | Rahul_100 | 68 |
8 | Anshika | 53 |
9 | Srividya Ivauri | 52 |
10 | WriteRightSan | 52 |
Rank | Name | Points |
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1 | Srivats_1811 | 1131 |
2 | Udeeta Borpujari | 551 |
3 | Rahul_100 | 242 |
4 | AkankshaC | 195 |
5 | Infinite Optimism | 179 |
6 | Anshika | 152 |
7 | Kimi writes | 150 |
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10 | Manish_5 | 103 |
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