OR
बचपन के वो दिन
बचपन के वो दिन क्या खूब थे,
वो तितलियों को पकड़ना,
वो छत से पतंगों के पेंचे लड़ाना,
होली में दोस्तों के संग खुशी से रंग खेलना,
दीवाली में माँ के साथ रंगोली बनाना,दीये जलाना,
बारिश में काग़ज की कश्ती को पानी में बहाना,
नई किताबों की खुशबू से खुश हो जाना,
रात को छत से चंदा और तारों को कुतुहल से निहारना,
क्रिसमस में सांताक्लोज और तोहफ़े का इन्तेज़ार करना,
ईद में ईदी मिलते ही गुल्लक में जमा करना,
घंटों दोस्तो के साथ साइकिल चलाना,
पकड़ा - पकड़ी खेलना,
माँ-बाबा की उंगली पकड़कर बागीचा घूमने जाना,
दादी-दादाजी से मजेदार कहानियाँ सुनना,
अब ये सब प्यारी बातें बहोत याद आती है,
टेलिविजन, मोबाइल, इंटरनेट के ज़माने में
अविस्मरणीय कहानी सी लगती है।
मुझे बचपन के वो दिन बहोत भाते है!
Solitary pursuit of Optimism and peace!
Rank | Name | Points |
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1 | Srivats_1811 | 1355 |
2 | Kimi writes | 378 |
3 | Sarvodya Singh | 116 |
4 | Manish_5 | 103 |
5 | AkankshaC | 93 |
6 | Udeeta Borpujari | 86 |
7 | Rahul_100 | 68 |
8 | Rahul Gupte | 66 |
9 | Vidya | 65 |
10 | June | 55 |
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 1131 |
2 | Rahul_100 | 242 |
3 | Udeeta Borpujari | 209 |
4 | AkankshaC | 195 |
5 | Infinite Optimism | 179 |
6 | Anshika | 152 |
7 | Kimi writes | 150 |
8 | aditya sarvepalli | 139 |
9 | Manish_5 | 103 |
10 | Srividya Ivauri | 99 |
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