OR
ये बारिश का मौसम,
फिर बड़ा सुहाना लग रहा है।
अकेला तो ये आता नहीं,
अपने साथ वही पुरानी यादें भी ले आता है।
ये हल्की हल्की बारिश,
जो उसकी बातों की तरह
मुझ पर बरस रही है,
ये ठंडी पवन,
जो उसकी सांसों की तरह
मुझसे टकरा रही है।
आज कई दिनों बाद
फिर उसके पास होने का
एहसास हो रहा है।
ये आंखे आज भी उसे
इन बारिशों की बूंदों में
ढूंढ रही है,
ये हवाएं फिर मुझे उसकी
तलाश में कहां कहां ले जा रही है।
आज भी उसे ढूंढ रही हूं
शायद कहीं मिल जाए,
मगर इसी आस में
ये मौसम भी बीत जाए।
ये बारिश का मौसम
फिर बड़ा सुहाना लग रहा है।
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Kimi writes | 378 |
2 | Srivats_1811 | 287 |
3 | Manish_5 | 105 |
4 | AkankshaC | 93 |
5 | Udeeta Borpujari | 86 |
6 | Rahul_100 | 68 |
7 | Rahul Gupte | 66 |
8 | Anshika | 53 |
9 | Srividya Ivauri | 52 |
10 | WriteRightSan | 52 |
Rank | Name | Points |
---|---|---|
1 | Srivats_1811 | 311 |
2 | Rahul_100 | 244 |
3 | Udeeta Borpujari | 209 |
4 | AkankshaC | 195 |
5 | Infinite Optimism | 179 |
6 | Rahul Gupte | 171 |
7 | Anshika | 152 |
8 | Kimi writes | 150 |
9 | shruthi.drose | 142 |
10 | aditya sarvepalli | 139 |
Feedback